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दिव्य नव्य व भव्य भारत के 75 वे गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकांमनाये। स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों और शाहिदो को श्रद्धा सुमन । डा कुमार लोकेश भारद्वाज 9450125954


 


शुभकॅामनाये

इस अवसर पर सबसे पहली श्रद्धाजलि पोरबन्दर रियासत के प्रधानमन्त्री के पुत्र राष्ट्रपिता महात्मा गाधी जी को देता हॅू ।

खण्ड खण्ड भारत को अखण्ड भारत बनाने वाले सरदार बल्लभ भाई पटेल जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हॅू ।

युद्ध बन्दियो को हिरासत से मुक्त करा आजाद हिन्द फौज की स्थापना कर पहली बार तिरगां फहराने  व राष्ट्र गीत गाने वाले नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को नमन करता हॅू ।

युग पुरुष, 9 भाषाओ के जानकार, 32 विषयो मे डिग्री धारक, 4 पीयच डी धारक, सविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष, सविधान निर्माता, शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वह दहाडेगा का मंत्र देने वाले,  समता मूलक समाज की विचारधारा के जनक बाबा साहब भीमराव अम्बेदकर जी को अनुसरण करने की सौगन्ध लेता हॅू ।

शताब्दियों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को सम्पूर्ण आजादी मिली। 

सविधान नही तो देश नही, विश्व का श्रेष्ठ सविधान हमारे देश का है, हमारे  देश का सविधान मे आरम्भ में 395 अनुच्छेद, 22 भाग व 8 अनुसूचियो मे था जो वर्तमान मे  470 अनुच्छेद, 25 भाग व 12 अनुसूचियो मे है ।

सविधान की प्रस्तावना के अनुसार हम भारत के लोग, भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतान्त्रिक राज्यो का समूह बनाने के लिये और समस्त नागरिको को सामाजिक, आथिक, और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समानता प्राप्त कराने के लिये, उन सभी मे व्यक्ति की गरिमा, राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिष्चित करने वाली बंधुता बढाने के लिये 26 नवम्बर 1949 को सविधान सभा द्वारा सविधान को अंगीकृत,अधियाचित और आत्मार्पित किया गया था। जिसे 26 जनवरी 1950 मे लागू किया गया।

आज गणतन्त्र दिवस के अवसर पर सविधान को अनुपालन करने, मूल भावना का अनुसरण करने, और मौलिक कर्त्तव्यों का पालन करने की सौगन्ध लेता हॅं और पुनः शुभकामनायें  देता हॅ। 

सादर 

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