शिक्षक दिवस पर आजाद भारत के आजाद नागरिको को ससम्मानजनक शुभकामनाये । डा- लोकेश शुक्ल कानपुर
भारत देश 145 करोड जनसंख्या वाला, 65 करोड युवाओ का 1200 विष्वविद्यालयो वाला, 1 करोड शिक्षको वाला देश है।
आजाद भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को स्मरण करते हुये शिक्षक दिवस के रुप मे श्रद्धांजलि अर्पित करता हॅू ।
डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 मे तामिल प्रदेश के तिरुमनी कस्बे मे हुआ था। आरम्भिक शिक्षा के बाद मद्रास विष्वविद्यालय से आगे की पढाई की थी ।
वह 1931 में आंध्र विश्वविद्यालय, 1939 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति, 1946 में यूनेस्को में देश का प्रतिनिधित्व, 1948 में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के अध्यक्ष व 1949 में सोवियत संघ में राजदूत बने।
आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति 1952 में चुने गए। उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उपराष्ट्रपति के दो कार्यकालो के बाद, 1962 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। 1967 में राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त हुए और मद्रास में बस गये। 17 अप्रैल 1975 को अन्तिम सांस ली। श्रीमती सावित्रीबाई फूले, विवेकानंद, मुशी प्रेम चन्द्र, विनोबा भावे, मदन मोहन मालवीय, सर सैय्यद अहमद, चाणक्य, रवीन्द्र नाथ टैगोर, आदी द्वारा भारतीय दर्शन को विश्व मानचित्र पर स्थापित करने, स्वतन्त्रता आंदोलन मे योगदान को याद करते हुये शिक्षक दिवस के अवसर पर पुनः नमन करते हुये श्रद्धा सुमन अर्पित करता हॅू । राष्ट के समस्त नागरिको, शिक्षको, सामाजिक कार्यर्कताओ से अपील व अनुरोध करता हॅू कि शिक्षा व्यवस्था मे इतना परिवर्तन करे कि ”रोजगार देश, व प्रदेश के कार्यबल को खोजे, न कि कार्यबल रोजगार को खोजे
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