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स्मृति शेष श्री सच्चिदानंद राजकीय केन्द्रीय वस्त्र संस्थान, कानपुर सीमित शब्दो में पुनः श्रद्धांजलि डॉ लोकेश शुक्ला लाजपत नगर कानपुर

कानपुर।  श्री सच्चिदानंद राजकीय केन्द्रीय वस्त्र संस्थान, कानपुर का निधन आज 8 सितंबर को प्रात हो गया था।  वह संस्थान मे वर्षा 1992 से योजित थे।  उन्होंने संस्थान से ही बैचलर आफ़ टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी डिग्री ग्राहन की थी। 

श्री सच्चिदानंद जी सायंकाल पंचतत्वों  में विलीन हो गये।  लंबा समय साथ काटा।  उनका व्यवहार, सहयोग भावना, संपर्क, मिलनसारिता को शब्दों से नहीं लिखा जा सकता।  जब भी मुलाकात हुयी काफी अवश्य पिलायी।  मुझे वो दिन भी याद हैं  जब पूर्व राष्ट्रपति महोदय माननीय    राम नाथ कोविद जी रिक्शा से आए थे और सच्चिदानंद जी को पूछ रहे थे।  कोविद जी को मैंने पहले कभी देखा था। उनको मिलकर मैंने सच्चिदानंद जी से मुलाकात करायी।  बाद मे श्री सच्चिदानंद जी और वह कहीं चले गए।  श्री सच्चिदानंद नंद जी और मेरा पैतृक गाव 5 किलोमीटर के आसपास है।  श्री सच्चिदानंद जी की पत्नी शायद प्रधान थी।  श्री सच्चिदानंद जी मेरे घर के पास नारायनपुरवा (वर्तमान लाजपत नगर) मे भी रहते रहे थे।  इनके एक पारिवारिक समारोह में लाजपत नगर के गणमान्य नागरिक श्री  मुनार अवस्थी जी, श्री मिश्रा जी (पुत्र मुन्नी महाराज),   गोल्डन बाबा, आदि से मुलाकात हुयी थी।  वहीं इनके घर के पहले दीपू चौहान ढाबा के परिजन भी से इनकी निकटता थी।  बी जे  पी  के प्रदेश उपाध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता श्री विजय नारायान सिंह सेंगर इनके गाव के थे वह और उनके बेटे जज हाई कोर्ट और अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट से भी निकटता थी।  ग्वालटोली क्षेत्र के लब्ध प्रतिष्ठित श्री महेंद्र शुक्ला जी से भी इनकी निकटता थी उनके भाई व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी इनके साथ थे।  पूर्व          संसद सदस्य श्री राजा राम पाल, श्री अनिल शुक्ला, वर्तमान मंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला के भी संपर्क में थे।  इनके बेटे के समधी  पी सी यस आफिसर है जिनसे मेरी मुलाकात फतेहगढ मे नगर निग़म में हुयी थी।  

सच्चिदानंद जी इतने मिलनसार थे कि उनके मिलने वाले की सूची बनाना सम्भव नही।  सुबह जब मैं 9 बजे इनके घर गया था स्तब्ध था, पुनः 11 बजे भी इनके बेटे से मुलाकात के समय विस्वास नहीं हो रहा था।  मैंने बेटे से भाभी जी से मिलने की इच्छा जतायी थी।  परन्तु श्री गोपाल दीक्षित जी से चर्चा करके और शव यात्रा का समय 2/3 बजे होने के कारण नहीं मिल सका। स्तब्ध हूँ।  इस हृदयविदारक क्षति से।  उनके मिलनसार और समाज समर्पित व्यक्तिव के पथ पर चलने की शपथ लेता हूं।  मैं पारिवार को  असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति ईश्वर प्रदान करें ।  परिजनों का अतीत से  उत्तम भविष्य हो शुभकामनायें भी देता हूँ।  स्मृति शेष सच्चिदानंद जी को को सीमित शब्दो में पुनः श्रद्धांजलि देता हूँ।  सादर।  


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