भारतीय संविधान मे मौलिक कर्त्तव्यों में अनिवार्य मतदान क्यों नहीं? डा- लोकेश कुमार भारद्वाज कानपुर 22 अप्रैल 2024
अनिवार्य मतदान भारत जैसे विकासशील देश की मौलिक आवश्यकता है। शत-प्रतिशत मतदान ही देश के वंचित वर्ग की भागीदारी, मतदान के क्रय विक्रय पर नियंत्रण, और सार्थक विकास सुनिश्चत कर सकता हैं। विश्व के 33 देशों में अनिवार्य मतदान का कानून है वहीँ 18 देशो में मतदान न करने में सजा का प्राविधान है।
विभिन्न आयोग द्वारा चर्चा व विश्लेषण द्वारा मतदान अनिवार्य नहीं किया जा सका हैं।
राजनीतिक पार्टियों का उदेश्य शासन करना है इसे घोषणा पत्र में सम्मिलित करना चाहिए संविधान में दिए गए मौलिक कर्त्तव्यों में इसे राष्ट्र के प्रथम कर्त्तव्य के रुप से योजित किया जाना चाहिये। देश के 91 करोड़ वोटरों में 2014 में 18 करोड़ और 2019 में 23 करोड़ मत प्राप्त करने वाली पार्टी द्वारा 140 करोड़ नागरिको पर शासन न्याय नहीं अन्याय है। भारत के संविधान में नागरिकों के लिए निर्देशित 11 मौलिक कर्त्तव्यों में अनिवार्य मतदान प्रथम कर्तव्य के रुप मे अंगीकृत, अधियाचित और आत्मार्पित करना अवश्यक है
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