Advertise Here

Breaking News

मेरे भाई श्री सर्वेश शुक्ला मोन्टू जी को पुनः स्मरण।मैं हर पल उनके संस्मरणों और आशीर्वाद में रहता हूँ। डॉ लोकेश शुक्ला लाजपत नगर कानपुर

मेरे भाई श्री सर्वेश शुक्ला मोन्टू जी का आकस्मिक निधन दिनाक 5 मार्च 1988 होली की द्वीज को  समाज सेवा करते हुए लखनऊ में हुआ था।  उनके  निधन  से मेरे व संपूर्ण पारिवार की बुनियाद ही हिल गई।  मुझे उनके साथ का हर पल याद हैं।  परन्तु उन्होंने इतना मजबूत सामाजिक आधार दिया कि मैं आज भी उनकी यादो के आगोश व आदर्शों को अनुकरण करते हुए प्रफुल्लित  हूँ।  मेरा जीवन का रिक्त स्थान केवल यादो से ही पूर्ण किया जा रहा हैं।  आज भी इंटर  के छात्र द्वारा विज्ञान प्रगति में लेख / शोध पत्र  प्रकाशित कराने वाला मेरे जान पहचान में कोई नहीं हैं।  हाई स्कूल के बाद रेडियो प्रसारण केंद्र की स्थापना कर  क्षत्रीय स्तर पर अपने सम्वाद प्रेषण करना आरंभ किया था उसका भी कोई उदाहरण नहीं हैं। घर पर बल्ब की रोशनी में मुर्गी के अंडे से चूजा विकसित करने का प्रयास किया था  हालांकि कोई भी चूजा जीवन नहीं पा सका था पारिवार के शाकाहारी होने के कारण अंडों को व्यव्स्था श्री राजीव निगम जी मेरे भाई के अभिन्न साथी और लाजपत नगर कानपुर निवासी ने की थी।  आरंभ में दैनिक लोक जन समाचारपत्र में सम्वाददाता के रूप मे काम करते हुए  दैनिक आज और दैनिक जागरण में क्राइम रिपोर्टर का काम किया था । उनका प्रथम प्रयास में  ग्रामीण बैंक में चयन हुया था।  ग्रामीण बैंक ऑफिसर एसोसिएशन की स्थापना कर ग्रामीण बैंक कर्मियों और ग्राहको की सेवा के लिए प्लेट फॉर्म की स्थापना की। वह  ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक वर्कर्स ऑर्गनाईजेसन  से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप मे जुड़े रहे।  उन्होंने वर्ष 1981 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान काँग्रेस के अनुषंगीक संगठन के रूप मे भारतीय राष्ट्रीय छात्र विज्ञान काँग्रेस  की स्थापना की थी।  उसकी प्रथम बैठक श्री राजीव निगम जी के लाजपत नगर निवास में हुयी थी। आरंभ मे जब हम दोनों भाई जूनियर व प्राथमिक कक्षा मे अध्ययन के साथ घर में स्थिति दुछत्ती में न्यू चाइल्ड लाइब्रेरी का संचालन करते थे।  लाइब्रेरी की मोहर साइकिल की ट्यूब को काट कर मोहर बना कर प्रयोग करते थे।  बाल भवन कानपुर में माननीया श्रीमती इंदिरा गांधी जी के आगमन पर पुस्तिका का प्रकाशन करते हुए आयोजन के संयोजन और संचालन में अग्रणी भूमिका का निर्वाहन किया था।   तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री वीर बहादुर सिंह जी के कानपुर पुलिस लाइन में हेलिकॉप्टर  से उतरने के बाद मिलकर उनकी म्रत्यु की न्यायिक जांच की मांग   श्री श्री प्रकाश जैसवाल जी तत्कालीन पूर्व मेयर, राम नारायण पाठक सदस्य विधानसभा, सरदार कुलदीप सिंह सदस्य विधान परिषद आदि ने की थी।  जाच में हार्ट अटैक द्वारा म्रत्यु बताया गया था।  उनके द्वारा आरंभ किए गए प्रयासों से अब ग्रामीण बैंक के खाता धारकों व कर्मचारियों को बैंक कर्मियों के बराबर के वेतन का लाभ मिल रहा है। उनके म्रत्यु की सूचना अमीना बाद थाना द्वारा उनके कार्यालय 2 नवीन मार्किट, कानपुर में दी गई थी। भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री सुखदेव मिश्रा ने घर पर दीं थी।  माननीय राजीव गांधी तत्कालीन प्रधानमंत्री जी ने नाबार्ड की बैठक  मे कई बार सलाहकार सदस्य के रूप मे आमंत्रित किया था।  श्री वीरेंद्र कुमार सिंह वीरे , पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष कानपुर बार एसोसिएशन, तत्कालीन अध्यक्ष नैशनल स्टूडेंट यूनियन आफ़ इंडिया, कानपुर की कार्यकारिणी में वरिष्ठ उपाध्याय के रूप मे सहयोगी रहे।  श्री वीरेंद्र कुमार व राजीव निगम जी आज भी मेरे बड़े भाई के रूप मे संरक्षक के रुप मे उपस्थित है। 

मैं हर पल उनके संस्मरणों और आशीर्वाद में रहता हूँ।  पुनः स्मरण।

Dr Lokesh Shukla Lajpat Nagar Kanpur

My brother Mr. Sarvesh Shukla Montu passed away accidentally on March 5, 1988 in Lucknow while doing social service on the Holi dweej. With his demise, the foundation of me and the entire family was shaken. I remember every moment with him. But he gave such a strong social base that even today I am elated to be in the lap of his memories and imitating his ideals. The blank space of my life is being filled only by memories. Even today, there is no one in my acquaintance who gets an article/research paper published by an Inter student in vigyan  pragati. There is no example of setting up Radio Broadcasting Center after high school and starting sending his dialogues at the local level. He tried to develop chicken from chicken egg in the light of bulb at home, although no chicken could survive, due to family being vegetarian, arrangement of eggs was done by Mr. Rajeev Nigam, my brother's integral companion and resident of  Lajpat nagar  Kanpur city. Initially, he started his career as a correspondent in Dainik Lok Jan samachar he also  worked as a crime reporter in Dainik Aaj and Dainik Jagran. He was selected in Gramin Bank in his first attempt. He established Grameen Bank Officers Association  a platform for service of Gramin Bank employees and customers. He was associated with All India Gramin Bank Workers Organization as National Vice President. In the year 1981, he had established the Indian National Students Science Congress as a subsidiary organization of the Indian National Science Congress. Its first meeting was held at Lajpat Nagar residence of Mr. Rajiv Nigam. In the beginning when both of us brothers used to conduct New Child Library in Duchhatti at home along with studies in junior and primary class. The stamp of the library was prepared by cutting a bicycle tube. By publishing the booklet on the arrival of Honourable Mrs. Indira Gandhi ji at Bal Bhavan Kanpur and played a leading role in organizing and conducting. The demand for a judicial inquiry into the death of the then Chief Minister Mr. Veer Bahadur Singh after landing in the helicopter in the Kanpur police line was made by Mr. Sri Prakash Jaiswal, the  former mayor, Ram Narayan Pathak, member of the Legislative Assembly, Sardar Kuldeep Singh, member of the Legislative Council, etc. . Death was told by heart attack in the investigation. Due to the efforts started by him, now the account holders and employees of Gramin Bank are getting the benefit of salary equal to that of bank employees. His death was reported by Amina Bad police station at her office 2 Naveen Market, Kanpur. Shri Sukhdev Mishra, senior office bearer of Bharatiya Mazdoor Sangh had given at home. Hon' ble Rajiv Gandhi was invited by the then Prime Minister as an advisory member many times in the meeting of NABARD. Mr. Virendra Kumar Singh Veere, former Senior Vice President Kanpur Bar Association, the then President National Student Union of India, was an associate in the executive of Kanpur as a Senior Upadhyay. Mr. Virendra Kumar and Rajeev Nigam are still present as my elder brothers as protectors.

I live in his memories and blessings every moment. recollection.





No comments